नगरीय निकाय में प्रत्यक्ष चुनाव की उठने लगी मांग, पार्षदों की बजाय जनता करे अध्यक्ष और महापौर का चयन
कोरबा। लोक सभा चुनाव के बाद अब नगरीय निकायों के चुनाव की बारी है। राज्य के पूर्व सरकार ने नगरीय निकायों में अध्यक्ष का चुनाव सीधे न करा कर अप्रत्यक्ष रूप से कराया था, राज्य में सत्ता बदलने के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा निकायों के चुनाव में अध्यक्ष और महापौर पद के लिए भी सीधा चुनाव करा सकती है। नगर के लोग भी चाहते हैं कि अध्यक्ष महापौर प्रत्यक्ष मतदान प्रणाली से चुने जाने चाहिए, इससे पार्षदों का दबदबा अध्यक्ष पर कम रहेगा। प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम के बाद इस पर चर्चा शुरू हो गई है। आम जनता का मानना है कि अगर निकाय चुनाव में जनता को सीधा अध्यक्ष चुनने का मौका मिलेगा तो मतदाताओं को निकाय में पार्षद व अध्यक्ष के लिए अलग अलग 2 वोट डालने का अधिकार मिलेगा। अध्यक्ष का सीधा चुनाव होता है, तभी चुनाव जैसा लगता है, लेकिन जब पार्षद निकाय के अध्यक्ष चुनते हैं तो आम नागरिकों में उत्साह नहीं रहता। आम जनता का कहना है कि निकायों के अध्यक्ष का चुनाव जनता द्वारा होना चाहिए। नगरीय निकाय के अध्यक्ष का चुनाव मतदाता के बीच होना चाहिए। जो अध्यक्ष बने वह आम नागरिक को साथ लेकर चले और नागरिकों के मत से चुना जाना चाहिए। जनता का मानना है कि जो भी जनप्रतिनिधि बने वह नगर की ओर ध्यान दे और जनता के द्वारा चुना जाना चाहिये। नगरीय निकाय के अध्यक्ष का चुनाव सीधे होना चाहिए।