पंचायत, पानी टंकी, आरआई भवन व पटवारी कार्यालय आए नापी की जद में, आमगांव व दर्राखांचा में कोयला खदान विस्तार अंतिम दौर में
कोरबा। कोयला खदान विस्तार के लिए एसईसीएल प्रबंधन ने आमगांव व दर्राखांचा में बने मकानों का सर्वे लगभग पूर्ण कर लिया है। वहीं आमगांव पंचायत की जमीन पर बने हरदीबाजार पंचायत भवन,पानी टंकी,आरआई भवन व पटवारी कार्यालय को भी नापी कर दिया गया है। ज्ञात हो कि एसईसीएल दीपका परियोजना के पास कोयला उत्खनन के लिए जमीन नहीं होने की वजह से आने वाले समय में जमीन संकट का सामना करना पड़ सकता है। वहीं दीपका परियोजना अंतर्गत नियोजित ठेका कंपनियों को उत्खनन कार्य के लिए जमीन नहीं होने से भी परेशानी बढ़ गई है । ऐसे में दीपका प्रबंधक पांच वर्ष पूर्व नापी हो चुकी ग्राम सुवाभोडी को अब तक विस्थापित करने में नाकाम है, वहीं एक वर्ष हो चुके मलगांव के सभी शासकीय व निजी भूमि पर बने मकानों व परिसंपत्तियों का नापी सर्वे पूर्ण हो चुका है, ग्रामवासियों को अभी तक मुआवजा भुगतान,नौकरी व बसाहट जैसे बुनियादी हक देने में दीपका प्रबंधन विफल रही है। ग्रामीणों के बार-बार खदान बंदी व हड़ताल के बाद 20अगस्त से मुआवजा भुगतान करने का आश्वासन त्रिपक्षीय वार्ता में दिया गया था, वहीं ग्रामवासियों का कहना है कि उचित बढ़ा हुआ मुआवजा,टोटल सोलिसियम एसईसीएल नहीं देता है। मुआवजा में काट छंट करता है तो पुन: खदान बंदी और अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जायेगा । वहीं दूसरी ओर सुआभोडी व मलगांव की समस्या दूर हुई नहीं और अब आमगांव दर्रा खांचा जो पूर्व में गेवरा प्रबंधक ने अधिग्रहित किया था इस वजह से नापी और सर्वे का काम भी गेवरा प्रबंधन पूर्ण कर दीपका परियोजना को सौंप देगा ।ऐसी स्थिति में दीपका प्रबंधन के पास तीन गांवों की मुआवजा,बसाहट,नौकरी संबंधी मामलों को निपटाना आसान नहीं है,ग्रामीण का कहना है कि सही दर पर मकान का मुआवजा,समय पर नौकरी और बसाहट प्रबंधन नहीं देती है तो हम अपना घर मकान जमीन जयादाद कैसे एसईसीएल प्रबंधन को दे दें।