प्रभु श्रीराम, भोलेनाथ सहित कई स्वरूप में विराजमान होंगे गजानन, सात सितंबर से प्रारंभ होगा गणेशोत्सव
कोरबा। गणेशोत्सव की तैयारी जोरों पर हैं। इस बार पंडालों में मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्रीराम, कैलाश पर्वत पर विराजमान भोलेनाथ, नंदी के साथ भगवान शिव, नटनट नंद गोपाल सहित कई नए स्वरुप में विराजमान होंगे। विघ्नहर्ता इस बार श्रद्धालुओं के घरों में मोर, डमरू, गाय, कमल पुष्प, सिंहासन, शिवलिंग के साथ पधारेंगे। इस श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगा। गली-मोहल्ले में युवा वर्ग और समितियों ने गणेश पंडालों को सजाने का काम शुरू कर दिया है। मूर्तिकार गणेश प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने जुटे हुए हैं। लोगों ने पहले से ही बुकिंग शुरू कर दी है। वहीं बड़ी संख्या में लोग विघ्नहर्ता की प्रतिमाओं के विभिन्न स्वरूपों की प्रतिमा चयन करने पहुंच रहे हैं। मूर्तिकार प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। भादो शुक्ल पक्ष के चतुर्थी तिथि को गणेशोत्सव सात सितंबर से प्रारंभ हो रहा है। समापन 17 सितंबर को अनंत चतुदर्शी को होगा। मूर्तिकार की ओर से बप्पा की मूर्तियों को अनोखे अंदाज में सजाया जा रहा है। प्रतिमाओं को आकर्षक रंगों से सजाया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं को आकर्षित किया जा सके। अधिकांश छोटी मूर्तियां तैयार हो चुकी हैं। बड़ी मूर्तियों के आकार को देने का काम अंतिम चरण में है। गणेशोत्सव को लेकर शहर में माहौल बनने लगा है। बच्चों से लेकर सार्वजनिक गणेशोत्सव समितियों के सदस्य भगवान श्रीगणेश की प्रतिमाओं की बुकिंग कराने के लिए मूर्तिकारों के पास पहुंच रहे हैं। प्रतिमाओं को लेकर बच्चे, युवा सहित अन्य वर्गो में खासा उत्साह है। घर-घर में जहां अभी से श्रीगणेश स्थल को सजाने की तैयारी शुरू हो गई है, वहीं समितियों ने विघ्नहर्ता के पंडाल को भव्य रुप देने का काम प्रारंभ कर दिया है। शहर के टीपी नगर, पॉवर हाउस रोड, मेन रोड, इतवारी बाजार, सीएसईबी कॉलोनी, सीतामणी रोड, आरपी नगर, एमपी नगर से लेकर उप नगरीय क्षेत्र गेवरा, दीपका, कुसमुंडा, बांकीमोंगरा, भिलाई बाजार, बालकोनगर, दर्री व ग्रामीण क्षेत्रों में पंडाल की सजावट होने लगी है। मूर्तिकार पीयूश पाल ने बताया कि पहले की अपेक्षा इस बार मूर्तियों की मांग अधिक है। अभी से मूर्तियों की बुकिंग शुरू हो गई है। दो दर्जन से अधिक प्रतिमाएं समिति के आर्डर पर ही तैयार किए जा रहे हैं। महंगाई का असर प्रतिमाओं पर नजर आ़ रहा है। इससे पिछले साल की अपेक्षा इस बार 10 फीसदी दाम बढ़ गए हैं। लेकिन मूर्तियों की मांग में कमी नहीं आई है, बल्कि इस बार मूर्तियों की मांग बढ़ गई है। मूर्तिकार ने बताया कि मिट्टी परिवहन का किराया, बांस, सुतली से लेकर रंग-रोगन, सजावटी वस्त्र भी महंगे हो गए हैं जबकि इसके पहले दाम कम थे। इधर गणेशोत्सव के एक सप्ताह पहले ही कई स्थानों पर भगवान गणेश की छोटी मूर्तियों से बाजार सजने लगा है। आकर्षक रंग-रोगन, स्टोन और वस्त्रों से सजी मूर्तियां देखते ही बन रही है। इसी के साथ बाजार में चहल-पहले बढ़ गई है।