बंद खदानों में राख भरने एनटीपीसी और एसईसीएल के बीच समझौता
कोरबा। पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एनटीपीसी और एसईसीएल ने आज 13 मिलियन मीट्रिक टन राख को बंद खदानों में भरने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते में दुग्गा खदान के लिए लगभग 117.81 लाख घन मीटर और बिश्रामपुर खदान के लिए 12.02 लाख घन मीटर राख के निपटान की रूपरेखा तैयार की गई है। यह पहल न केवल प्रभावी राख प्रबंधन की सुविधा प्रदान करती है, बल्कि बंद खनन स्थलों के पुनर्स्थापन में भी योगदान करती है, जो हमारे पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता के साथ मेल खाती है। एनटीपीसी के तीन स्टेशनों सीपत, लारा और कोरबा ने इस राख की आपूर्ति में सहयोग किया है। विशेष रूप से एनटीपीसी सीपत 5.4 मिलियन मीट्रिक टन, लारा 2.9 मिलियन मीट्रिक टन, और कोरबा 4.7 मिलियन मीट्रिक टन राख भरने के लिए प्रदान करेगा। एनटीपीसी की ओर से इस समझौता पर विजय कृष्ण पांडे परियोजना प्रमुख सीपत, अनिल कुमार परियोजना प्रमुख लारा, और राजीव खन्ना परियोजना प्रमुख कोरबा ने हस्ताक्षर किए हैं। एसईसीएल की ओर से एम ओ यू पर हस्ताक्षर बी.के. जेना महाप्रबंधक पर्यावरण, प्रदीप कुमार क्षेत्रीय महाप्रबंधक भटगांव, और संजय कुमार महाप्रबंधक बिश्रामपुर ने हस्ताक्षर किए हैं।