बारिश से कोयला खनन पर पड़ा असर, मानसून की सक्रियता से जिले में सामान्य से अधिक बारिश
कोरबा। जिले में रुक-रुककर हो रही बारिश से कोयला खनन पर काफी असर पड़ा है। बारिश से खदान की सडक़ें गीली हो गई हैं। इसका सीधा असर उत्पादन पर दिखाई दे रहा है। बारिश के कारण खदानों से निर्धारित लक्ष्य के अनुसार कोयला खनन नहीं हो पा रहा है। कोरबा जिले में एसईसीएल की तीन बड़ी कोयला खदान हैं। इसमें गेवरा दीपका और कुसमुंडा शामिल है। उत्पादन की दृष्टि से गेवरा सबसे बड़ी खदान है। इसके बाद कुसमुंडा और दीपका का स्थान है। इस साल मानसून की सक्रियता से जिले में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। इससे खदानों में भी पानी जमा हुआ है। इसका असर स्पष्ट दिखाई दे रहा है। सडक़ें गीली होने से खदान के भीतर से कोयला सतह पर आने में परेशानी हो रही है। गाडिय़ों के चक्के फिसल रहे हैं। इससे दुर्घटना की भी आशंका बनी हुई है। इसी के साथ खदानों में ओवर बर्डन का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। मिट्टी गीली होने से इसका उठाव कोयले की परत से नहीं हो पा रहा है।बारिश की वजह से कोयला खनन में आ रही गिरावट ने प्रबंधन की चिंता बढ़ा दी है। प्रबंधन अभी तक रोजाना लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पा रहा है। इसके पीछे बड़ा कारण बारिश बताई जा रही है।