Thursday, September 18, 2025

बिजली की डिमांड कम होने से सेन्ट्रल पर कम हुई निर्भरता, महंगी बिजली खरीदने से मिली राहत

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बिजली की डिमांड कम होने से सेन्ट्रल पर कम हुई निर्भरता, महंगी बिजली खरीदने से मिली राहत

कोरबा। नंवबर से लेकर जनवरी तक बिजली की डिमांड में कमी रहती है। इसी अवधि में संयंत्रों और ट्रांसमिशन लाइन में लोड फैक्टर भी कम होता है। इस बार भी ठंड के आगमन से बिजली की डिमांड में कमी आ गई है। कम डिमांड के कारण सेंट्रल सेक्टर से महंगी बिजली अपेक्षाकृत कम खरीदनी पड़ रही है। ठंड में इजाफा होने से अब बिजली की डिमांड में कमी आने लगी है। अब डिमांड घटकर चार हजार मेगावाट से भी कम रही। इस वजह से सेंट्रल सेक्टर पर निभर्रता काफी हद तक कम हो गई है।एक सप्ताह पहले तक बिजली की डिमांड करीब 4500 से 4800 मेगावाट के बीच थी। जो कि अब घटकर 3600 से 3800 मेगावाट तक हो गई है। उत्पादन कंपनी के तीनों संयंत्र के सभी यूनिट से बिजली का उत्पादन हो रहा है। एचटीपीपी की एक यूनिट करीब डेढ़ महीने तक मेंटनेंस के लिए बंद रखी गई थी। वह भी अब उत्पादन में आ चुकी है। रविवार को उत्पादन कंपनी के संयंत्रों से 2300 मेगावाट बिजली बन रही थी। जबकि डिमांड 3800 मेगावाट के करीब थी। करीब 1500 मेगावाट बिजली सेंट्रल सेक्टर से ली जा रही है। जबकि इससे पहले तक सेंट्रल सेक्टर से 2400 मेगावाट से अधिक बिजली खरीदी जा रही थी।
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चरमरा गई है आपूर्ति व्यवस्था
शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की बिजली व्यवस्था चरमरा गई है। त्योहारी सीजन में बिजली बंद होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। दिन में पांच से छह घंटे बिजली गुल की जा रही है। हालांकि विद्युत वितरण विभाग इसकी वजह दीपावली पर्व को लेकर मेटनेंस का काम करने की बात कही जा रही है। आए दिन शहरी व ग्रामीण इलाकों के कई क्षेत्रों में घंटों बिजली गुल हो रही है। लोग दीपावली पर्व की तैयारी में जुटे हुए हैं। बिजली गुल होने से लोगों के कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

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