Friday, March 14, 2025

ब्रेकिंग न्यूज़…..विवादित उप संचालक पंचायत का शासन ने किया तबादला, कलेक्टर चाह रहे रुकवाना, आगामी चुनाव तक जिला में यथावत रखने कलेक्टर ने शासन को लिखा पत्र

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ब्रेकिंग न्यूज़…..विवादित उप संचालक पंचायत का शासन ने किया तबादला, कलेक्टर चाह रहे रुकवाना, आगामी चुनाव तक जिला में यथावत रखने कलेक्टर ने शासन को लिखा पत्र

कोरबा। कोरबा जिला की तासीर ऐसी है कि जो भी यहां आता है यही का होकर रह जाता है। खासकर प्रशासनिक हल्के के अफसर यहां ऐसा रच बस जाते हैं कि तबादला के बाद भी कोरबा का मोह नहीं छोड़ पाते। तबादला रुकवाने एन केन प्रकरेन जुगाड़ तंत्र तक लगाते हैं। शायद कुछ ऐसा ही मोह उप संचालक पंचायत जूली तिर्की को कोरबा से हो चुका है, जो तबादले के बाद भी जिले में जमी हुई है। रिलीफ करने में पहले उनके स्थान पर कोई अधिकारी प्रतिस्थापित नहीं होने का हिल हवाला, अब चुनाव को लेकर कोरबा में यथावत रखने की चिट्ठी कलेक्टर ने शासन को लिखा है। जबकि मुख्यमंत्री समन्वय समिति की सहमति से ट्रांसफर होता है और दूसरी ओर कलेक्टर इसे रुकवाने के लिए पत्र लिखते हैं। विवादित उप संचालक पंचायत को यथावत रखने की चिट्ठी प्रशासनिक महकमे में इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। छ.ग. शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय प्रमुख सचिव को कलेक्टर ने जूली तिर्की, उप संचालक पंचायत को आगामी पंचायत आम-निर्वाचन 2024-25 तक जिला में यथावत् रखने की मांग की है। कलेक्टर के पत्र में कहा गया है कि जूली तिर्की, कार्यालय उप संचालक पंचायत जिला कोरबा में प्रभारी उप संचालक पंचायत के पद पर पदस्थ हैं। जिनका स्थानांतरण छ.ग. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय के द्वारा कार्यालय उप संचालक पंचायत, जिला बिलाईगढ़-सारंगढ़ में किया गया है। परन्तु इनके स्थान पर किसी भी अधिकारी की पदस्थापना कार्यालय उप संचालक पंचायत जिला कोरबा में नहीं की गई है। वर्तमान में जिला कोरबा केंद्र सरकार की आकांक्षी जिले में सम्मिलित है। छ.ग. शासन सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय महानदी भवन अटल नगर का पत्र क्र /एफ01-01/2024/एक/6 नवा रायपुर, अटल नगर दिनांक 25.11.2024 के बिन्दु क्रमांक 06 में उल्लेखित है कि “अनुसूचित क्षेत्र से गैर अनुसूचित क्षेत्र में स्थानांतरित किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को उसके कार्यालय प्रमुख या नियंत्रण अधिकारी द्वारा तब तक कार्यमुक्त न किया जाए, जब तक उसका एवजीदार कार्य पर उपस्थित न हो जाए, तथापित अत्यावश्यक परिस्थितियों में यदि संबंधित कार्यालय में दो तिहाई पद यदि भरे हों तो सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्थानान्तरित शासकीय सेवकों को कार्यमुक्त करने का विचार किया जा सकता है। पत्र में कहा गया है कि कार्यालय उप संचालक पंचायत जिला कोरबा में द्वितीय श्रेणी के पद पर उप संचालक पंचायत के अतिरिक्त कोई भी अधिकारी कार्यरत नहीं है। वर्तमान में पंचायत आम निर्वाचन 2024-25 की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है एवं उक्त कार्य हेतु उप संचालक पंचायत की परिसीमन एवं आरक्षण की कार्यवाही किए जाने हेतु प्रमुख भूमिका रहती है। ऐसी स्थिति में उप संचालक पचायत जिला कोरबा को भारमुक्त किये जाने से पंचायत आम निर्वाचन एवं प्रशासनिक कार्य प्रभावित होगा।एक तरफ शासन तबादला करता है दूसरी कलेक्टर को तबादला रुकवाने पत्र लिखना पड़ता है।शासन ने आखिर तबादला के बाद भी उनके स्थान पर अधिकारी कोरबा क्यों नहीं भेजा जबकि आगामी दिनों में आम चुनाव होने हैं। खासकर जब ऐसे अफसर का जिनका विवादों से नाता रहा हो तो तबादला रुकवाने की चिट्ठी को अलग रंग रूप से देखने वालों की कमी नहीं है। इससे प्रशासन की साख पर भी सवाल लाजमी है।

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