वर्षों पहले दी जमीन पर अब तक नहीं मिली नौकरी,एसईसीएल दीपका प्रबंधन के खिलाफ अनशन जारी
कोरबा। 12 साल पहले नामांकन जमा लेने के बाद एसईसीएल में नौकरी नहीं देने पर एसईसीएल दीपका खदान से प्रभावित 4 भूविस्थापितों ने शुक्रवार से मलगांव फेस के पास अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया। रविवार को भी तीसरे दिन दिन भी आंदोलन जारी रहा।
भूविस्थापित व उनके परिवार के सदस्यों की मांग को उनका अधिकार बताया है और कंपनी में नियमानुसार रोजगार देने की बात कही है। एसईसीएल दीपका व कुसमुंडा में रोजगार के पुराने प्रकरणों का निपटारा नहीं किया गया है। भूविस्थापितों के आंदोलन से भी इन दोनों खदानों के जमीन की बाधा दूर नहीं हो रही है। इसका कोयला उत्पादन पर असर पड़ा है। गेवरा खदान का उत्पादन तय लक्ष्य के अनुरूप है तो दीपका व कुसमुंडा माइंस अब तक के तय लक्ष्य से पीछे चल रही है। इसका एक कारण बार-बार भूविस्थापितों का खदानबंदी आंदोलन भी है। दीपका खदान के मलगांव फेस पर एसईसीएल दीपका में रोजगार की मांग पर सिरकी चैनपुर के रामाधार यादव, भागीरथी, प्रकाश कुमार कोर्राम, सागर कुमार जायसवाल ने अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया है। भूविस्थापितों ने बताया कि साल 37 साल पहले जमीन अधिग्रहित की गई थी। उस समय हर खाते पर रोजगार देने का प्रावधान था। मगर नियम विरूद्ध खाता संयोजन कराकर रोजगार से वंचित कर दिया गया। इस रद्द कर नियमानुसार भूविस्थापित परिवार के सदस्य को नौकरी दी जाए। प्रशासन स्तर पर दस्तावेजों की जांच के बाद एसईसीएल प्रबंधन स्तर पर प्रक्रिया अधर में अटकी हुई है। रोजगार के पुराने प्रकरणों में नौकरी की मांग पर एसईसीएल कुसमुंडा में खदानबंदी आंदोलन 11 सितंबर को होगा।भूविस्थापित रोजगार एकता संघ व किसान सभा के पदाधिकारियों के नेतृत्व में यह आंदोलन होगा। यहां लंबित प्रकरणों की संख्या 100 के करीब है जिसमें जन्म के बाद अर्जन वाले प्रकरण भी शामिल हैं। पूर्व में कोल बेयरिंग एक्ट से ली गई जमीन एसईसीएल प्रबंधन ने पूर्व में कोल बेयरिंग एक्ट से जमीन का अधिग्रहण किया था। इस अधिनियम के तहत हर खाते में भूविस्थापित परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का प्रावधान था। अब कोल इंडिया 2012 की पॉलिसी से जमीन अधिग्रहित की जा रही है। इसके तहत गांव के जमीन अधिग्रहण के क्षेत्रफल के हिसाब से रोजगार की पात्रता सूची में नाम आने पर ही नौकरी दी जाती है। भूविस्थापित और प्रबंधन के बीच हुए एग्रीमेंट का नहीं किया गया पालन अनशन पर बैठे भागीरथी यादव ने बताया कि उनकी जमीन 1986 में एसईसीएल प्रबंधन ने अधिग्रहित करने के बाद साल 1988 में एग्रीमेंट किया। लेकिन गलत तरीके से खाते का संयोजन कर एग्रीमेंट का पालन नहीं किया गया। इस तरह नौकरी से वंचित कर दिया गया। खदान में जमीन जाने से भूविस्थापित परिवार के सदस्य को नियमानुसार नौकरी देने की मांग कर रहे हैं।